वाराणसी, जुलाई 18 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। हमारा नीति शास्त्र कहता है कि अगर जीवित रहोगे तो एक से एक सुंदर अवसर आएंगे। किसी एक घटना से प्रभावित हो कर जीवन छोड़ने की जरूरत नहीं। आवश्यकता जीवन को शिव की ओर मोड़ने की है। यह कहना है कोलकाता से आए कथाव्यास पं. शिवम विष्णु दुबे का। महमूरगंज स्थित शृंगेरी मठ में हो रही श्रीशिव महापुराण कथा के छठे दिन प्रवचन में उन्होंने कहा कि यह जीवन अनमोल है। इसे व्यर्थ मत गंवाइए। आत्महत्या पाप है। ऐसा पाप जिसका प्रायश्चित हो ही नहीं सकता। बाकी पापों का तो प्रायश्चित हो जाता है क्योंकि पापी बचा रहता है। लेकिन आत्महत्या! यह ऐसा पाप है जिसका कोई प्रायश्चित नहीं है क्योंकि पापी बचता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आप सोचते हैं कि आप को बहुत कष्ट मिल रहा है। आप शरीर छोड़ देंगे तो कष्ट मिट जाएंगे। आपको पता नहीं है क...