बाराबंकी, अप्रैल 18 -- बाराबंकी। हिन्दू महात्माओं ने मानव शरीर को सच्चा हरि मन्दिर, मुसलमान फकीरों ने कुदरती काबा, ईशा मसीह ने जिन्दा भगवान का घर बताया। इसमें दोनों आंखो के मध्य भाग में जीवात्मा विराजमान है। जिसमें परमात्मा की परासृष्टि को देखने के लिये दिव्य नेत्र, तीसरा नेत्र तथा ऊपरी मण्डलों से आने वाली देववाणी, अनहदवाणी सुनने का दिव्य कान है। इसका भेद प्रभु की प्राप्ति करने वाले संत महात्मा जानते हैं। इसलिये अपने जीवन को सफल बनाने के लिये इनकी खोज करें। यह बात जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत पंकज जी महाराज ने बंकी ब्लाक के ग्राम देवकहा में आयोजित सत्संग में कही। उन्होंने कहा कि प्रभु प्राप्ति की साधना के लिए आप सबसे पहले मानवतावादी बनें। मानव धर्म का पालन करें। सत्य, दया, करुणा, अहिंसा अपने गुणों को जीवन ...