सिद्धार्थ, जुलाई 4 -- डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। जीवन के दोषों को दूर करने में सबसे सशक्त माध्यम संत्सग है। यह मन के गलत विचारों व पापों को दूर करता है। सभी दिशाओं में मान-सम्मान को बढ़ाता है। मानव सत्संग से सुधरता है और कुसंग से बिगड़ता है। ये बातें क्षेत्र के बहेरिया चौराहे पर चल रहे श्रीराम कथा में चौथे दिन बुधवार की रात कथावाचक आलोकानंद शास्त्री ने कहीं। उन्होंने कहा कि जीवन के दोषों को दूर करने के लिए सत्संग करते हैं। जैसे प्रात:काल का भोजन सायंकाल तक और सायंकाल का भोजन रात भर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। ऐसे ही सुबह किया हुआ सत्संग पूरे दिन हमें अधर्म और पाप से बचाता है। सायंकाल का सत्संग हमें कुत्सित विचारों से बचाता है। उन्होंने कहा कि जब मन में काम, क्रोध रूपी वासनाओं की आंधी उठे और ज्ञान रूपी दीपक बुझने लगे तो ऐसे में सत्संग...