नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को तलाक की मंजूरी देते हुए कहा कि जीवनसाथी द्वारा बार-बार आत्महत्या की धमकी देना क्रूरता है। मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने पिछले सप्ताह पारित आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई। पीठ ने कहा कि जब ऐसा आचरण दोहराया जाता है, तो दूसरे पति या पत्नी के लिए वैवाहिक संबंध जारी रखना असंभव हो जाता है। यह आदेश पति द्वारा दायर याचिका पर आया। याचिका में पारिवारिक अदालत द्वारा तलाक का आवेदन खारिज करने के 2019 के आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिका के अनुसार, व्यक्ति की शादी 2006 में हुई थी, लेकिन वैवाहिक कलह के कारण वह और उसकी पत्नी 2012 से अलग रह रहे हैं। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पति ने क्रूरता के कई उदाहरणों का जिक्र किया था, लेकिन पारिवारिक अदालत ने उन पर विच...