जमुई, मार्च 20 -- लक्ष्मीपुर। निज संवाददाता पांच दशक पूर्व प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए वियर और जलाशयों का निर्माण कराया गया। जिससे वर्षा होने पर किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो जाया करता था। जिसमें राजबांध वियर, केरवार वियर, बाज़न वियर, भौंरा वियर, शारदा वियर के बाद दुफेरी जलाशय आदि शामिल हैं। जो अब जीर्ण-शीर्ण हो चुके है। जीर्ण-शीर्ण होने के कारण जलाशय और वियरों में पानी का ठहराव समाप्त हो चुका है। जिससे किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। क्षेत्र में सिंचाई की अपार संभावनाओं के बाद सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं किया गया। जिससे क्षेत्र के किसान अतिवृष्टि और अनावृष्टि का शिकार होते रहते हैं। जिसका सीधा असर किसानों के आर्थिक व्यवस्था पर पड़ता है। नतीजन क्षेत्र के किसान कृषि कार...