पटना, मई 2 -- बिहार के पूर्व सीएम और नरेंद्र मोदी सरकार में एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी ने जातीय जनगणना पर चल रही क्रेडिट पॉलिटिक्स पर प्रहार किया है। उन्होंने तेजस्वी यादव से पूछा है कि तीस साल पहले बिहार और केंद्र में किसकी सरकार थी। यह भी कहा है कि कोई चाहे कुछ भी कह ले लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी ही जातीय जनगणना करा सकते हैं। कास्ट सेंसस की श्रेय लेने की होड़ के बीच मांझी के इस बयान से बिहार की सियासी सरगर्मी और बढ़ सकती है। जातीय जनगणना का ऐलान किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि तीस साल से उनकी पार्टी इसकी मांग करती आ रही है। 17 महीने की सरकार के दौरान बिहार में जातीय सर्वे हुआ और देश में जातीय जनगणना कराने की मांग करते रहे। सरकार ने हमारी मांग के दबाव में यह निर्णय लिया। राजद ने पटना में पटाखा फोड़कर और पोस्टरबाजी क...
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