प्रयागराज, सितम्बर 19 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जीएसटी के एक मामले में टिप्पणी की कि केंद्र सरकार व्यापार करने में सुगमता के लिए जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) लाई है, लेकिन राजस्व अधिकारी इसके मूल उद्देश्य के ही विपरीत काम करने पर तुले हैं। सेफकॉन लाइफसाइंस की टैक्स याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने कहा कि जब किसी करदाता द्वारा माल की वास्तविक आवाजाही साबित हो जाती है और संबंधित प्राधिकरण द्वारा इसका खंडन नहीं किया जाता है तो जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 74 के तहत कार्यवाही अनुचित है। इस प्रावधान के तहत कार्यवाही तब शुरू की जा सकती है, जब किसी करदाता ने कर का भुगतान नहीं किया है या कम भुगतान किया है या गलत तरीके से वापसी ली है या धोखाधड़ी, जानबूझकर गलतबयानी या तथ्यों को छिपाकर इनपुट-टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ उठाया है या उपयो...
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