नई दिल्ली, सितम्बर 30 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब जीएसटी परिषद किसी उत्पाद पर लागू जीएसटी दरों में कमी करती है तो इसका लाभ अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचना चाहिए। अदालत ने कहा कि निर्माताओं को सामान के दाम वसूलते हुए उत्पाद की मात्रा बढ़ाने की अनुमति देने से दरों में कटौती का उद्देश्य विफल हो जाएगा। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह एवं न्यायमूर्ति शैल जैन की खंडपीठ ने कहा कि उपभोक्ता को मिलने वाले लाभ भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जीएसटी में कमी का उद्देश्य उत्पादों व सेवाओं को उपभोक्ताओं के लिए अधिक प्रभावी बनाना है। यदि कीमत समान रखी जाती है और उत्पाद में कुछ मात्रा बढ़ा दी जाती है तो इससे उद्देश्य विफल हो जाएगा। पीठ मेसर्स हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के वितरक शर्मा ट्रेडिंग कंपनी द्वारा 2018 में दायर याचिका पर विचार कर रही है। याचिका में ...