बगहा, जुलाई 11 -- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के जटिल प्रावधानों से निबंधित व्यवसायी, चार्टर अकाउंटेंट, टैक्स अधिवक्ता और अकाउंटेंट हलकान हैं। बीते 8 वर्षों में जीएसटी के प्रावधानों में कई बदलाव किए गए हैं। इस वजह से व्यापारी एवं उद्यमी के साथ-साथ प्रोफेशनल भी भ्रमित हो जाते हैं। उद्यमी रिंकू कनौजिया, मुकेश तिवारी, अमरनाथ ने बताया कि जिले के 90 प्रतिशत व्यापारी और उद्यमी, जिन्होंने जीएसटी निबंधन करा रखा है, जीएसटी संबंधी समस्याओं में उलझे हुए हैं। वे विभाग में दौड़ लगा रहे हैं। सबसे बुरी हालत छोटे और मंझौले कारोबारियों की है, जिनकी पूंजी कम है। ऐसे कारोबारियों की संख्या जिले में 8 से लेकर 10हजार के बीच है। जीएसटी मामलों के अधिवक्ता राजेश कुमार, निशीत कुमार वर्मा बताते हैं कि इसके प्रावधान बजट में पेश होने के बाद पूरे वर्ष बदल जाते हैं। इसस...
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