भागलपुर, सितम्बर 27 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता जीएसटी स्लैब में हालिया बदलाव का असर अब दवा बाजार पर साफ झलक रहा है। भागलपुर समेत पूरे पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के जिलों में जरूरी और जीवनरक्षक दवाइयों की किल्लत ने मरीजों और उनके परिजन की चिंता बढ़ा दी है। बीपी, शुगर और हृदय रोग जैसी रोजमर्रा की खुराक वाली दवाएं भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। यहां तक लोगों को चुनिंदा कंपनियों के एंटीबॉयोटिक दवाओं के लिए दवा दुकानों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। फुटकर दवा विक्रेताओं का कहना है कि फार्मा कंपनियां नए टैक्स स्ट्रक्चर के अनुरूप दवाइयों का एमआरपी संशोधित कर रही हैं। इस कारण सप्लाई की रफ्तार थम-सी गई है। वहीं कुछ थोक विक्रेताओं के मुताबिक, कंपनियों ने स्लैब परिवर्तन से पहले ही सप्लाई घटा दी थी। खुदरा विक्रेता भी पुराना एमआरपी...
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