बागपत, सितम्बर 14 -- बागपत। तीन सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑटोमोबाइल को लेकर अहम निर्णय लिए गए। इसमें श्रेणी विशेष को 28 से 18 फीसदी के दायरे में लाया गया। वहीं अन्य को 28 फीसदी से बढ़े हुए स्लैब में ले जाया गया, लेकिन एक खास नियम ऐसा भी था जिसको हटाने की घोषणा वित्तमंत्री द्वारा की गई। यह था जीएसटी कंपेंसेशन सेस। अब यह सेस खरीदारों को मिलने वाली छूट की राह का कांटा बन गया है। देश के किसी भी चार पहिया वाहन डीलर से पूछ लीजिए, उनके यहां स्टॉक के अनुसार लाखों से लेकर करोड़ों रुपये जीएसटी कंपेंसेशन सेस के खाते में पड़े हुए हैं। इनकी वसूली तभी संभव है, जब वाहन खरीदार को बेचा जाए। मगर 22 सितंबर को यह सेस स्वत: समाप्त हो जाएगा। मतलब साफ है कि ऑटोमोबाइल डीलरों के लाखों करोड़ों रुपये इस दिन के बाद छू मंतर हो जाएंगे। कोई भी व्यापारी इस नु...