संभल, जून 8 -- जियानगला गांव में शनिवार सुबह ऐसा मातम पसरा कि खुशियों से भरा आंगन कुछ ही घंटों में शोक में बदल गया। शुक्रवार को बहन की डोली उठी थी और शनिवार को उसी भाई की अर्थी उठ गई, जिसने आंखों में आंसू लिए अपनी बहन को विदा किया था। 25 वर्षीय सोनू बाल्मीकि अपने परिवार का सहारा था। तीन भाइयों में मंझला था और सबसे अधिक जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। उसके पिता वीरपाल खेतों में मजदूरी करते हैं, और मां सुनीता देवी घर संभालती हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है, लेकिन सोनू ने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की। शादी के एक दिन बाद वह अपने मामा को उनके गांव छोड़कर वापस लौट रहा था कि गुन्नौर-हीरापुर के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। सिर पर हेलमेट नहीं होने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सबसे दुखद बात यह रही कि सड़क स...