गाज़ियाबाद, अगस्त 6 -- गाजियाबाद। जिले में 15 प्रतिशत नौकरीपेशा महिलाएं जन्म के एक घंटे में नवजात को दूध पिलाने से बचती हैं। वहीं, 52 प्रतिशत बच्चों को विभिन्न कारणों से छह महीने तक मां का दूध नहीं मिल पाता। इससे बच्चे कुपोषण, डायरिया और बुखार जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांच के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में एक घंटे के अंदर स्तनपान की दर मात्र 25.2 प्रतिशत है। वहीं, छह माह तक केवल स्तनपान की दर 41.6 फीसदी है। गाजियाबाद में जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात के स्तनपान का प्रतिशत पहले से बढ़ा है। वहीं, छह महीने तक 52 प्रतिशत बच्चों को छह महीने तक मां का दूध नहीं मिल पाता। डॉक्टर सलाह देते हैं कि छह महीने तक बच्चों को मां के दूध के अलावा कुछ नहीं देना चाहिए। गाय या भैंस का दूध बच्चों के लिए इस अवधि में उत...