सुल्तानपुर, नवम्बर 4 -- सुलतानपुर, संवाददाता। जिले में हर साल निजी अस्पताल 10 फीसदी खोले जा रहे हैं। करीब छह साल पहले शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक 67 प्राइवेट अस्पताल पंजीकृत किए गए थे। सीएमओ कार्यालय में दर्ज अभिलेखों के अनुसार अब इन निजी अस्पतालों की संख्या 119 पहुंच गई है। लाइसेंस रेवड़ी की तरह बांट दिए जा रहे हैं, लेकिन इन अस्पतालों में मरीजों के इलाज के साथ सर्जरी विशेषज्ञ व डॉक्टर कर रहे हैं या फिर झोलाछाप इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है, यही नहीं अस्पतालों में उपचार की सुविधाएं नदारद हैं। जब मरीज की मौत होती है तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को जारी लाइसेंस और मानकों की याद आती है। जांच की औपचारिकता में लाइसेंस खत्म कर दिया जाता है, फिर दूसरे नाम से उन्हीं लोगों को लाइसेंस दिया जाता है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभ...