बागपत, अक्टूबर 9 -- मध्यप्रदेश व राजस्थान में कथित तौर पर कफ सीरप से बच्चों की मौत के मामले में औषधि विभाग सर्तक हो गया है। शासन ने मामले को संज्ञान में लेकर दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की एडवाइजरी जारी की है। यह हाल तब है, जब जिले में हर माह करीब एक करोड़ रुपये के कफ सिरप की बिक्री की जा रही है। मानसून के मौसम में खांसी, जुकाम जैसी संक्रामक बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। हर घर में कोई न कोई व्यक्ति इन बीमारियों से पीड़ित है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के चलते इनमें काफी संख्या में बच्चे शामिल हैं। झोलाछाप से लेकर डॉक्टर तक खांसी से पीड़ित बच्चों के परिजनों को कफ सिरप का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। दो साल से कम उम्र के बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों के मुकाबले कमजोर होती है। ऐसे में दवाओं का साइड इफेक्ट ज्यादा खतरनाक सा...