गाज़ियाबाद, अक्टूबर 21 -- गाजियाबाद। बच्चों में हकलाने की समस्या को स्पीच थैरेपी से कम किया जा सकता है। संयुक्त अस्पताल के अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में 32 बच्चों का इलाज स्पीच थैरेपी से चल रहा है। लगातार थैरेपी से 50 से ज्यादा बच्चों में सुधार हो चुका है। हर वर्ष 22 अक्तूबर को विश्व हकलाना जागरुकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में यह संदेश देना है कि हकलाना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि बोलने का अलग तरीका है। ईएनटी सर्जन डॉ. नवनीत वर्मा बताते हैं कि हकलाने की समस्या बचपन से ही शुरू होती है। कई बार यह तनाव, डर या आत्मविश्वास की कमी से और बढ़ जाती है। शुरुआत में बच्चों को परिवार और शिक्षकों से सहयोग मिले तो परेशानी कम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बोलने के लिए प्रोत्साहित करें, बीच में टोके नहीं और पूरा समय दें, ताकि ब...
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