सीवान, सितम्बर 23 -- सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। खरीफ सीजन में धान व मक्का की फसल में उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। कारण कि धान व मक्का के फसल में डालने लिए आवश्यक यूरिया व डीएपी खाद कहने को तो सरकारी खाद-बीज केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य पर नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसानों को मजबूरन कालाबाजारी के जरिए महंगे दामों पर खाद खरीदना पड़ रहा है। मक्का की फसल तो लगभग कटने के कगार पर है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में किसान धान की फसल के लिए ऊंची कीमत चुकाने पर मजबूर हैं। किसानों के अनुसार, सरकारी दर पर 266 रुपये में मिलने वाला यूरिया खाद खरीफ सीजन में 300 रुपये प्रति बैग से कम कीमत पर कभी बिका ही नहीं है। यही हाल डीएपी की है। डीएपी का सरकारी रेट 1350 रुपये है, ...