बिजनौर, मई 29 -- मजबूरी कहें या जरूरत, खेत पर गुलदार मौत बना बैठा है और किसान जान हथेली पर रखकर खेतों पर जाने को मजबूर हैं। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ा है। 2018 से अब तक गुलदार ने 31 लोगों को निवाला बना लिया है। 2023 से अब तक गुलदार ने 27 लोगों को निवाला बनाया है। जिले के खेतों में 400 से अधिक गुलदार गन्ने के खेतों में छिपने का ठिकाना खोज रहे हैं। लगातार आबादी बढ़ने के साथ साथ जंगलों का कटान किया जा रहा है। वन्यजीवों और मनुष्य के बीच संघर्ष भी बढ़ा रहा है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले कई सालो में मानव-वन्यजीव संघर्ष में वन्य जीवों के साथ आमजन की भी हानि में बढ़ोत्तरी हुई है। जंगल से सटे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बिजनौर का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र के अंतर्गत है जिसमें नजीबाबाद का आरक्षित वन क्षेत्र भी श...