सीवान, नवम्बर 28 -- सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिन बादल बरसात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण अभी भी खेतों में पानी भरा पड़ा है। ऐसे में खेतों में धान की फसलें अभी तक बारिश के प्रभाव से उबर नहीं सकी हैं। लिहाजा खेतों में पानी जमा होने से धान की फसल बर्बाद हो रही है। खेतों में पानी लगने के कारण गेहूं की बुआई प्रभावित हो रही है, वहीं अत्यधिक नमी से खेत तैयार नहीं हो पा रहे हैं। इससे बुआई में देरी हो रही है। गेंहू की बुआई में देरी से गेहूं की पैदावार में कमी आ सकती है, जो बुआई के सही समय को प्रभावित करती है। साथ ही, जो गेहूं पहले ही बोया जा चुका है, उसमें भी नमी बढ़ने से गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है और फसल को नुकसान हो सकता है। इससे किसान एक ओर धान की फसल बर्बाद होने की आशंका से चिंतित हैं, वहीं, तय स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.