सिमडेगा, सितम्बर 22 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि।जिले की मिट्टी में देश के लिए मर मिटने की चाह सदियों से बह रही है। आज के समय में दो हजार से भी अधिक लोग देश सेवा में नौकरी करते हुए रिटायर्ड होकर जिले में रहते हैं। लेकिन रिटायर्ड फौजियों के लिए आज जिले में सुविधा शून्य है। जिले में रिटायर्ड फौजियों के लिए सीएसडीसी कैंटिन तक की सुविधा नहीं है। इससे रिटायर्ड सैनिकों को भारी परेशानी होती है। रिटायर्ड फौजी वर्षों से सीएसडीसी कैंटिंग की मांग कर रहे हैं। बता दें कि स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों में जब भारत के कोने-कोने में अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ लहर उठ रही थी, तब सिमडेगा भी पीछे नहीं था। यहां के आदिवासी और ग्रामीण अपने तरीके से अंग्रेज़ी शासन का विरोध किया। कभी जंगलों और जमीन पर अपने अधिकार के लिए लड़कर, तो कभी फौज के रूप में अपनी शहादत देकर। उलगुलान क...