मोतिहारी, जुलाई 9 -- मोतिहारी, हिन्दुस्तान संवाददाता । मानसून की दगाबाजी से धान की खेती पर संकट गहराने लगा है। बारिश की इस मौसम में खेत में पानी की दरकार है। वहां धूल उड़ने की नौबत आ चुकी है। बारिश की कमी से धान की रोपनी पिछड़ने से अभी करीब 10 प्रतिशत ही धान की रोपनी किसान किए हैं। जबकि कृषि विभाग के अनुसार जिले में 1.87 लाख हेक्टेयर में धान आच्छादन का लक्ष्य है। बताया जाता है कि जिस खेत में बड़ी मशक्कत से धान की रोपनी हुई,उस खेत में बड़े बड़े दरार पड़ने से किसान मायूस दिखने लगे हैं। धान की रोपनी में खर्च हुए पैसे, अब धान की रोप बचाने की जद्दोजहद : धान का बिचड़ा तैयार करने में किसानों ने काफी परेशानी उठाई। जब किसान धान की रोपनी निजी सिंचाई व्यवस्था से करा लिए तो अब धान की रोप बचाने की जद्दोजहद शुरू है। धान की रोपनी कराए दस दिन ठीक से बीते...