किशनगंज, दिसम्बर 27 -- किशनगंज। संवाददाता किशनगंज की कृषि व्यवस्था इन दिनों बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। कभी पाट (पटवा) की खेती के लिए पहचाने जाने वाले इस इलाके में अब मक्के की फसल किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है। बदलते समय, बढ़ती लागत और बाजार की मांग ने किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर अधिक लाभकारी विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया है। यही कारण है कि पाट की खेती धीरे-धीरे हाशिये पर चली गई है और मक्का की खेती नई पहचान बनती जा रहा है। पिछले पांच-छह वर्षों के सरकारी आंकड़े इस बदलाव की स्पष्ट तस्वीर पेश करते हैं। पांच वर्ष पहले जहां किशनगंज जिले में लगभग 2500 एकड़ भूमि पर पाट की खेती होती थी, वहीं अगले वर्षों में इसका रकबा लगातार घटता गया। तीसरे और चौथे वर्ष में यह घटकर एक हजार एकड़ से भी कम रह गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्थिति और गंभी...
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