नोएडा, सितम्बर 11 -- नोएडा। जिले में पेट्रोल मशीन से ही हाइब्रिड गाड़ियों की प्रदूषण जांच होगी। लंबी चली मशक्कत के बाद परिवहन विभाग ने इस पर फैसला लिया है। हाइब्रिड कार मालिक गाड़ियों की प्रदूषण जांच कहां कराए इसको लेकर परेशान थे। उन्हें चालान का भी खतरा था। परिवहन विभाग के मुताबिक भारत में, कानून के अनुसार, प्रत्येक वाहन के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 इसे अनिवार्य बनाते हैं। वाहनों को समय-समय पर प्रदूषण परीक्षण करवाना अनिवार्य है। हाइब्रिड वाहन कम प्रदूषणकारी और विद्युतीकृत होने के बावजूद भी इससे मुक्त नहीं हैं। परिवहन विभाग के अनुसार हाइब्रिड वाहन मालिक इस सवाल को लेकर परिवहन विभाग में पहुंचते थे कि वाहन की प्रदूषण जांच किस जगह कराएं। प्रदूषण जांच केंद्रों...