जौनपुर, जून 20 -- जौनपुर, कार्यालय संवाददाता। धान की नर्सरी डालनी हो या फिर मक्के की बोवाई करनी हो। दोनों ही कामों में डीएपी की जरूरत पड़ती है, लेकिन इस समय जिले के किसी भी साधन सहकारी समिति पर एक छंटाक भी डीएपी नहीं है। ऐसे में किसानों को प्राइवेट दुकानों का ही सहारा लेना पड़ रहा है। वहां समय और पैसा दोनों अधिक खर्च हो रहा है। किसानों का कहना है कि समय से खाद नहीं मिलने पर खेती प्रभावित हो सकती है। गुरुवार को 'हिन्दुस्तान ने जिले के सभी ब्लाकों में साधन सहकारी समितियों पर पड़ताल की। यहां पता चला कि डीएपी है ही नहीं। किसान समितियों पर पहुंचते हैं तो सचिवों की तरफ से दो टूक कहा जाता है कि अभी खाद आई नहीं है। बड़ी बात तो यह कि जिले की समितियों के साथ ही बफर गोदाम में भी डीएपी एक बोरी भी नहीं है। अधिकारियों का दावा है कि जिले में नैनो डीएपी ...