भागलपुर, दिसम्बर 8 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता यूं तो जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री जनौषधि की दुकानों का संचालन हो रहा है। लेकिन इनमें से महज छह सरकारी अस्पतालों की जमीन पर ही जनौषधि केंद्र का संचालन हो रहा है। यानी जिले के सिर्फ छह सरकारी अस्पतालों में ही मरीजों को बहुत ही सस्ती दर पर दवाएं मिल पाती हैं। जबकि 11 सरकारी अस्पतालों में जनौषधि की दुकानों के न खुलने के कारण यहां पर मरीजों को करीब 40 प्रतिशत दवाओं को अस्पताल के बाहर संचालित निजी दवा की दुकानों से महंगी दर पर खरीदनी पड़ती है। अनुमान है कि जिले के 11 सरकारी अस्पतालों में इलाज को आने वाले मरीज हर रोज तकरीबन पांच लाख रुपये की ब्रांडेड दवा खरीदते हैं। तीन साल पहले यानी साल 2022 में ही जिले के सभी प्रखंड अस्पतालों में प्रधानमंत्री जनौषधि की दुकान खोलने का निर्णय लिया ...