अमरोहा, मार्च 22 -- देश की आजादी के बाद कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमरोहा संसदीय क्षेत्र में बीते चार दशक से पार्टी राजनीतिक वनवास झेल रही है। इस सीट पर कभी जीत की हैट्रिक लगाने का रिकार्ड कायम करने वाली कांग्रेस मौजूदा दौर में नतीजों के दौरान एक-एक वोट के लिए संघर्ष करती नजर आती है। बीते कमोबेश हर एक चुनाव में हार की हताशा के बावजूद निवर्तमान जिलाध्यक्ष को ही जिले में पार्टी संगठन की कमान सौंपना हर किसी को चौंका रहा है। ऐसे में खुद को साबित करने के साथ ही संगठन को बूथ स्तर तक खड़ा करते हुए फिर से जीत का परचम लहराना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहेगा। गौरतलब है कि देश की आजादी के बाद साल 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में अमरोहा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी हिफ्जुर्रहमान ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1957 और फिर 1962 में भी जनता ने ...