शामली, मई 31 -- शुक्रवार को शहर के मोहल्ला धर्मपुरा स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर के प्रांगण में श्रुताराधक सन्त क्षुल्लक श्री प्रज्ञांशसागर गुरुदेव के पावन सान्निध्य में एक प्रभावशाली धर्मसभा का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने जीवदया और भगवान महावीर का जियो और जीने दो उपदेश विषय पर अपना ओजस्वी प्रवचन दिया। शुक्रवार को प्रज्ञांशसागर गुरूदेव ने प्रवचन की शुरुआत करते हुए कहा कि संसार में जितनी भी पीड़ा है। उसका मूल कारण एक ही है हिंसा, और जितनी भी शान्ति है, उसका मूल आधार है दया। भगवान महावीर स्वामी का 'जियो और जीने दो केवल एक नारा नहीं, वरन् समस्त जीवों के कल्याण का महामंत्र है। कहा कि जीवदया केवल एक भावना नहीं, धर्म का आधार है। गुरुदेव ने कहा कि जैन धर्म में जीवदया को केवल एक नैतिक मूल्य नहीं, अपितु धर्म का प्राण माना गया है। एक-एक ...