शाहजहांपुर, अप्रैल 7 -- जिन भतीजों को बचपन में कंधे पर बैठा कर प्रहलाद पूरे गांव में घुमाया करता था, जिनसे उसने उम्मीद पाल रखी थी कि वह बुढ़ापे की लाठी बनेंगे, उन्हीं भतीजों ने प्रहलाद की निर्मम हत्या कर दी और फरार हो गए। हालात तो यह हैं कि पोस्टमार्टम के बाद प्रहलाद के शव को अग्नि देने वाला भी कोई नहीं है, क्योंकि प्रहलाद अविवाहित था। सिउरा बैवहा संपर्क मार्ग पर स्थित सिउरा से सटे गांव दिउनी में रिश्तों का खून किया गया। गांव के रविन्द्र और जयपाल ने अपने सगे चाचा प्रहलाद को खेत के समीप डंडों से मुंह कूंच कर कर मार डाला। चाचा अपने खेत में खड़े गेहूं काटने आया था। भतीजों ने पहले ही प्रहलाद की जमीन पर कब्जा कर रखा था। फसल बो रखी थी। प्रहलाद को वह खाने तक को नहीं देते थे। ग्रामीणों के मुताबिक, अविवाहित होने के कारण प्रहलाद की जमीन तो भतीजों क...