पटना, सितम्बर 12 -- संतान की लंबी आयु, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य आदि की कामना के लिए पुत्रवती महिलाएं शनिवार को सर्वार्थ सिद्ध योग में निर्जला-निराहार जिउतिया व्रत करेंगी। इसके पहले शनिवार को जिउतिया व्रत का नहाय-खाय सुबह में करेंगी। ज्योतिषी शिशिर कुमार झा बताते हैं कि रविवार को सरगही (ओठगन) सुबह 5:53 से पहले करने का मुहूर्त है। जीवित पुत्रिका व्रत माताएं अपने पुत्र की दीर्घायु की कामना के लिए रविवार 14 सितंबर को सुबह से ही (अष्टमी) निराहार रहकर करेंगी। सोमवार 15 सितंबर को पारणा सुबह 6:27 के बाद करना होगा। इस दिन मातृ नवमी का बहुत ही बड़ा महत्व है। इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराने और दान देने का विधान है। बताते चलें कि आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को महिलाएं जिउतिया व्रत करते है। इस दिन व्रती महिलाएं चील, सियारिन की कथा सुनेंगी और भगवान जीमूतवाहन ...