जयपुर, अगस्त 7 -- जयपुर की फिजाओं में आज कुछ अलग था। आंखों में आंसू थे, लेकिन वो दर्द के नहीं थे वो आंसू थे आज़ादी के, अपनी मिट्टी में अपनापन पाने के। बरसों तक पहचान की तलाश में भटके लोगों को आखिर वो मिला, जो उनके लिए सपना बन चुका था भारत की नागरिकता। 10 चेहरे, 10 कहानियां और हर कहानी में दर्द ऐसा जो किसी को भी भीतर से तोड़ दे। ये वो लोग हैं जो पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के चलते भारत आए, लेकिन यहां भी सालों तक "बेमुल्क" कहलाते रहे। ना पहचान, ना अधिकार। लेकिन आज जयपुर में वो लम्हा आया जिसने इनकी किस्मत बदल दी। राजस्थान सरकार के प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल और जयपुर के ज़िला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जब अपने हाथों से इन लोगों को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपा, तो वो सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी वो एक युग का अंत और नए युग की शुर...