प्रयागराज, जून 28 -- प्रयागराज। करछना की रहने वाली 14 वर्षीय मानसी को एसआरएन अस्पताल में जीवनदान मिल गया। लगभग एक माह तक कोमा में रहने के बाद मानसी अब बोलने लगी है। अप्रैल में मानसी अपनी मां मनोरमा के साथ ट्रैक्टर से गेहूं की मड़ाई करवा रही थी, तभी अचानक उसका दुपट्टा थ्रेशर के साफ्ट में फंस गया, जिससे उसकी आधी खोपड़ी फट गयी और सिर के सभी बाल उखड़ गए थे। आनन-फानन में परिजन शहर आए, लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण तीन निजी अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया। अंत में मनोरमा बेटी को लेकर एसआरएन अस्पताल पहुंची। वहां न्यूरो सर्जन डॉ. एनएन गोपाल और टीम ने ऑपरेशन करके नया जीवन दिया।

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