प्रयागराज, अगस्त 26 -- प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जाली दस्तावेजों के आधार पर हासिल की गई सरकारी नौकरी नियुक्ति के स्तर से ही शून्य मानी जाएगी। ऐसी नौकरी करने वाला व्यक्ति वेतन और अन्य परिलाभों पर दावा नहीं कर सकता है। उसे नौकरी के दौरान प्राप्त वेतन वापस करना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कमलेश कुमार निरंकारी की याचिका पर दिया। याची बलिया में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। एक शिकायत पर जांच के बाद वह जाली दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने का दोषी पाया गया। पुष्टि होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 6 अक्तूबर 2022 के आदेश से उसकी नियुक्ति को रद्द कर दिया। साथ ही भुगतान किए गए वेतन की वसूली का आदेश दिया। याची ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची अधिवक्ता ने कहा कि या...