मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 8 -- मुजफ्फरपुर। जाम ने शहरवासियों की जिंदगी बोझिल कर दी है। सुबह काम पर निकलने वाले लोग शाम में जब घर लौटते हैं तो जाम से जूझने का दर्द उनकी थकान में शामिल होता है। स्कूली बच्चे भूखे-प्यासे गाड़ियों में ही सो जाते हैं। कई बार भीषण जाम में फंसी एंबुलेंस में तड़प कर मरीज दम तोड़ चुके हैं। न जाने कितनी बार बाहर से शहर में परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों के सपने जाम की भेंट चढ़े होंगे। मंगलवार को हिन्दुस्तान कार्यालय में आयोजित संवाद में बुद्धिजीवियों ने शहर की रफ्तार रोक रही रोजमर्रा की इस समस्या पर खुलकर राय रखी। इसे शहर का सबसे बड़ा मुद्दा बताया। कहा कि चौराहों पर ऑटो पार्किंग, सड़कों पर सब्जी मंडी, फुटपाथी दुकानें, कई मार्गों पर कूड़े के ढेर, पुराने पोल और लोगों में ट्रैफिक सेंस का अभाव जाम के मुख्य कारण हैं। समस्या के हल...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.