नई दिल्ली, अक्टूबर 30 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से जारी दो कार्यालय आदेशों को रद्द कर दिया है। इनमें जामिया शिक्षक संघ (जेटीए) को भंग करने का आदेश दिया गया था। जेटीए वर्ष 1967 में गठित विश्वविद्यालय शिक्षकों का एक स्वायत्त निकाय है। यह संघ सदस्यों द्वारा निर्वाचित एक कार्यकारी समिति द्वारा संचालित है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने पाया कि विश्वविद्यालय का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 19(1)(सी) के तहत जेटीए के स्वशासन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। अनुच्छेद 19(1)(सी) में संघ बनाने व चलाने का अधिकार शामिल है। हालांकि, विश्वविद्यालय ने जेटीए के आगामी चुनावों को रद्द कर दिया है। नवंबर, 2022 में संस्थागत अनुशासन का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय ने संघ को भंग कर दिया था। जेएमआई ने तर्क दिया कि जेट...