अयोध्या, मार्च 23 -- अयोध्या। टाइमलेस लिट्रेचर एंड आर्ट फेस्टिवल के अंतिम सत्र में बालीवुड के प्रख्यात गीतकार व लेखक प्रसून जोशी ने भी शिरकत की। उनसे आयोजन समिति के निदेशक यतीन्द्र मिश्र ने उनके गीतों के लेखन के पीछे की पृष्ठभूमि के बारे में बातचीत करते हुए मर्म जानने की कोशिश की। इस सवाल पर गीतकार जोशी ने कहा कि किसी भी लेखन के पीछे अवचेतन में घटित प्रसंग रहते हैं जो स्वत: से स्फुरित होते हैं। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति के लिए कोई फार्मूला नहीं है। उन्होंने रंग दे बसंती चोला के एक गीत रुबरु रोशनी के बारे में पूछे सवाल को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का संस्मरण सुनाया और बताया कि उन्होंने फिल्म देखी थी और बाहर आने के मुझे गले लगाते हुए " सूरज को निगल गया " की लाइन की तारीफ की थी। जोशी कहते हैं कि इस गीत के पीछे हनुमान जी और ज...