हमीरपुर, नवम्बर 29 -- हमीरपुर, सैय्यद अतहर । 16 वर्षीय भतीजी की मौत के बाद बेटी की तरह पालन-पोषण करने वाला चाचा टूट गया। एक माह से चाचा भतीजी की जान बचाने को लेकर भटक रहा था। तड़के जब चाचा को भतीजी की मौत की खबर मिली तो सदमे में डूब गया। उसने बताया कि एक माह तक उसकी भतीजी ने जिंदगी-मौत से संघर्ष किया। इलाज के नाम पर भी हर कहीं सिर्फ औपचारिकता हुई। केजीएमयू में स्ट्रेचर में भतीजी तीन दिन तक बिना इलाज पड़ी रही, वही उसकी दिन उसकी जिंदगी पर भारी साबित हुए। उसके पास जो कुछ था वो सब कुछ खर्च कर डाला। रिश्तेदारों से भी कुछ कर्जा लिया था। अगर मामले को शासन-प्रशासन गंभीरता से लेकर इलाज कराने में मदद करते तो शायद उसकी मौत न होती। चाचा के अनुसार एसपीजीआई में दो दिन तक इलाज के बाद भतीजी की हालत में मामूली सुधार हुआ था। लेकिन डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए द...