हरिद्वार, अगस्त 6 -- गंगा किनारे झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले कई लोग बुधवार को जान जोखिम में डालकर गंगा में बहती लकड़ियां पकड़ते नजर आए। पेट की आग बुझाने के लिए ये लोग गंगा के बहाव में उतर जाते हैं। इस बहाव में जरा सी चूक जान पर भी भारी पड़ सकती है। भीमगोड़ा बैराज से लेकर बैरागी कैंप तक गंगा किनारे बसी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कई परिवारों के लोग जलस्तर बढ़ने पर खुश नजर आते हैं। जरा से लालच के चक्कर में अपनी जान की परवाह भी नहीं करते। गंगा की लहरों से मिली लकड़ियों से कई दिनों तक इन परिवारों के चूल्हे जलते हैं। गैस सिलेंडर इनके लिए दूर का सपना है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...