घाटशिला, अगस्त 3 -- जादूगोड़ा। झारखण्ड सरकार एक तरफ जहां सबर जनजाति के लोगों को समाज के सामने लाने की बात करती है तो दूसरी ओर पोटका की भाटीन पंचायत में आने वाली खड़िया कोचा सबर बस्ती के लोग इन दिनों नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यह गांव जादूगोड़ा-सुंदरनगर मुख्य सड़क से लगभग तीन किलोमीटर अंदर जंगलों के बीच स्थित है। इस गांव तक पहुंचने के लिए पगडंडी के रास्ते जाना पड़ता है, परंतु अब बरसात के दिनों में उन रास्तों पर चलना मुश्किल हो गया है। लोग अब खेती करने लग गए है, जबकि इस गांव तक पहुंचने के लिये विधायक से लेकर जिला के उपायुक्त को मुख्य सड़क पर वाहन खड़ी कर पैदल चलकर गांव तक पहुंचना पड़ता है। हालांकि, इस गांव का इतिहास रहा है कि आजतक कोई भी एम्बुलेंस या अन्य वाहन गांव तक नहीं पहुंचा। जब भी कोई बीमार होता है या कोई भी गर्भवती महिला को अस्पत...