आरा, जून 29 -- पीरो, संवाद सूत्र प्रखंड के परमानंद नगर में चातुर्मास्य व्रत स्थल पर महान संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने रविवार को प्रवचन करते हुए कहा कि जाति से बड़ा उस व्यक्ति का कर्म होता है। लोगों का खान-पान और रहन-सहन खराब हो गया है। ब्राह्मण के कर्म, गुण और विचार पर चर्चा करते हुए स्वामी जी ने कहा कि ब्राह्मण सदाचारी होना चाहिए और खानपान, रहन-सहन, दिनचर्या सात्विक होनी चाहिए। आप ब्राह्मण ही हो, लेकिन आपका आहार-व्यवहार ब्राह्मण के समान नहीं है तो आप पूर्ण रूप से ब्राह्मण कहलाने योग्य नहीं हैं। महाभारत संग्राम में अश्वत्थामा द्वारा पांडव पुत्रों की हत्या की गई। अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे। द्रोणाचार्य ब्राह्मण थे। उनके पुत्र द्वारा जिस प्रकार से पांडव के पुत्रों की हत्या की गई, वह बहुत ही गलत था। इसी प्रसंग की...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.