सीतापुर, अक्टूबर 1 -- मछरेहटा। अपने आध्यात्मिक ज्ञान से समस्त विश्व को आलोकित करने वाले और अपने दार्शनिक चिंतन से सत्य, अहिंसा के सिद्धांत को स्थापित करने वाले सनातन धर्म पर हो रहे लगातार कुठाराघात के विरुद्ध अनेक जातियों मे बंटे समाज को संगठित होने की नितांत आवश्यकता है। यह बातें सामाजिक समरसता पर आयोजित विशाल सम्मेलन मे नैमिषारण्य के प्रसिद्ध संत महामण्डलेश्वर विद्यानंद महाराज ने कहे। हनुमान गढ़ी के महंत बजरंगदास ने आपसी मनमुटाव को भुलाकर हिंदू समाज की एकजुटता की बात कही। महंत संतोषदास खाकी ने कहा कि जब कोई देश अपनी सांस्कृतिक विरासत, और गौरवशाली इतिहास को भूलने लगता है तो वह सभी प्रकार से कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति मे संत,महात्मा और विद्वानों को आगे आकर अज्ञान के अंधकार मे डूबे लोगों को जागरूक करने का संदेश देना पड़ता है। उदासीन अखाड...