रांची, मार्च 19 -- रांची, वरीय संवाददाता। शिशु का जन्म जिस धर्म में होता है, वही जातक का आजीवन धर्म होता है। उसके कुलदेवता, माता-पिता और पूर्वज के धर्म भी वही रहते हैं। इसलिए जबरन धर्मांतरण कराना गलत है। झारखंड समेत कई जगहों पर धर्मांतरण के मामले देखे गए हैं। जागरुकता से ही इसे रोका जा सकता है। ये बातें अपर बाजार स्थित अग्रसेन भवन में बुधवार को द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद स्वामी कही। वह भक्तों के आग्रह पर उनसे मिलने आए थे। उनका आगमन पूर्वी सिंहभूम में धर्मांतरित आदिवासियों को सनातन की दीक्षा देने के लिए भी हुआ था। उन्होंने कहा कि झारखंड के चारों पड़ोसी राज्यों में आदिवासियों का वास है। वहां धर्मांतरण पर रोक और लोगों को संरक्षण मिलना चाहिए। कहा कि भारत में राजनीति को धर्म के अनुसार चलना चाहिए। राजा धार्मिक हो तो प्रजा भी ध...