जमशेदपुर, जुलाई 4 -- जमशेदपुर।मानगो जाकिरनगर ईस्ट के शाल बगान स्थित मस्जिदे सिबतैन में गुरुवार को जिक्र-ए-इमाम हुसैन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मस्जिद सिबतैन कमेटी ने की। इस मौके पर स्थानीय मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती अवैस रजा ने अपने संबोधन में हजरत इमाम हुसैन (रज़ि.) की कुर्बानी और उनके सब्र की मिसाल पेश करते हुए कहा कि "हम हुसैन, इमाम हुसैन की याद मनाते हैं। न हम मातम करते हैं, न ही कोई खुशी जताते हैं। बल्कि कयामत तक यादे हुसैन को जिंदा रखते रहेंगे।"उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म के संस्थापक पैग़ंबर मोहम्मद (सल्ल.) ने भी फरमाया कि "हुसैन मुझसे हैं और मैं हुसैन से हूं।" हजरत इमाम हुसैन की शहादत ने इंसानियत को अद्वितीय सब्र और बलिदान का पैगाम दिया। वह जन्नत के युवाओं के सरदार हैं और उनकी कुर्बानी को पूरी दुनिया रहमत और...
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