रामगढ़, जून 29 -- बरकाकाना, निज प्रतिनिधि। मुहर्रम उल हराम के महीने को मुहर्रम उसके आदर की वजह से कहते हैं और मुहर्रम उल हराम का माना वह महीना जो क़ाबिल ए सम्मान है। मदरसा अहले सुन्नत नुरुल इस्लाम डुडगी के शिक्षक और खिदमत ए इंसानियत फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी क़ारी मुनव्वर सैफी ने कहा कि मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म के लोगों के लिए बहुत खास होता है। यह महीना त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। मुहर्रम के दिन खुदा के नेक बंदे हज़रत इमाम ए हुसैन की शहादत हुई थी। इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने हुसैन को याद करते हैं। हज़रत इमाम ए हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के छोटे नवासे थे। इस्लाम में मोहर्रम के महीने से नए साल का आग़ाज़ होता है। नए साल हिजरी की शुरुआत मदीना मुनव्वरा से नबी के प्रवासन से लेकर अब तक ...
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