भभुआ, सितम्बर 30 -- मंत्र पढ़कर पुजारी बकरे पर फूल व अक्षत मारते हैं तब हो जाता है अचेत, यही प्रक्रिया दोहराने पर लड़खड़ाते हुए निकल जाता है बाहर इस पल को देखना हर कोई चाहता है, पर किसी-किसी को प्राप्त होता है सौभाग्य पंवरा पहाड़ी पर मुंड नामक असुर का वध करने के बाद पड़ा था मां मुंडेश्वरी नाम (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर की पंवरा पहाड़ी पर स्थित मंदिर में विराजमान मां मुंडेश्वरी के दरबार में बकरे की बली देने की प्रथा अद्भुत है। ऐसी बली जहां रक्त की बूंद नहीं गिरती और बकरा अचेत हो जाता है। मंदिर के पुजारी मंत्र पढ़कर बकरे के उपर फूल व अक्षत मारते हैं, तब वह लड़खड़ाते हुए गर्भ गृह से बाहर निकल जाता है। इस पल को हर कोई देखना चाहता है, पर किसी-किसी को ही यह सौभाग्य प्राप्त हो पाता है। बकरे के अचेत होने पर ही मां द्वारा बली स्व...
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