शाहजहांपुर, मार्च 19 -- शाहजहांपुर महानगर के चित्रा टाकीज में चल रही कथा के दूसरे दिन बुधवार को व्यास डा. दामोदर दीक्षित ने कर्दम ऋषि की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि कर्दम ऋषिक को पुत्रियां नवधा भक्ति के रूप में प्राप्त हुईं, जहां भक्ति होती है, वहां भगवान पहुंच जाते हैं। कपिल मुनि से उनकी माता ने सांख्य शास्त्र का उपदेश सुना कि संसार के साथी और सामान में सुख या दुःख नहीं होता अपितु इन्द्रियों के सापेक्ष होता है। आत्मा से उसका कोई सम्बन्ध नहीं है। साथी और सामान मिले हैं, जो वस्तु मिलती है, वहां थोड़े दिन के लिए मिलती है, फिर छूट जाती है। यह आंखों पर परदा आसक्ति के कारण पड़ गया है। संत कृपा से निर्मल बुद्धि प्राप्त होती है तब सत्यता का आभास होता है। कार्यक्रम का श्रीगणेश रमेश त्रिपाठी एवं प्रसून त्रिपाठी और रामबली ने हनुमान चालीसा का पाठ एवं...