हरिद्वार, जुलाई 8 -- हरिद्वार, संवाददाता। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि सच्चा स्नेह रखने वालों को भगवान अवश्य ही मिलते हैं और जहां भी ब्रह्म विद्या होती है भगवान स्वयं वहां आ ही जाते हैं। भागवत कथा सुनने के बाद कल्याण तभी होता है। जब कथा को अपने जीवन और चरित्र में उतरा जाए। राजा गार्डन स्थित श्रीहनुमान मंदिर सत्संग भवन में श्रीमद् भागवत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण एवं माता रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा की माता रुक्मणी मां लक्ष्मी की अवतार थीं। इसलिए उनका विवाह तो भगवान श्रीकृष्ण के साथ होना ही था। रुक्मणी के सच्चे स्नेह का संदेश जब भगवान को मिला तो उन्होंने स्वयं आकर रुक्मणी का वरण किया। राधा को भगवान की अल्हादिनी शक्ति बताते हुए उन्हो...