छपरा, अप्रैल 24 -- गड़खा, एक संवाददाता। जिले के सुप्रसिद्ध सूर्य नरायण मंदिर कोठियां-नरावं परिसर में चल रहे नव दिवसीय नारायण विश्व शांति महायज्ञ में धार्मिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा पर भी बल दिया जा रहा है। गुरुवार को प्रवचनकर्ता डॉ. पुंडरीक शास्त्री ने मंच से बोलते हुए कहा कि भगवान ही मनुष्य जीवन के परमधेय और श्रेय हैं। संसार में विषमता आने पर परमात्मा के शरण में जाना चाहिए। संसार में कहीं शांति नहीं है केवल अशांति है। पूर्ण शांति तो परमात्मा के चरणों में ही है। उन्होंने सृष्टि के क्रम का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की नाभि से ब्रह्मा प्रकट हुये। ब्रह्मा जी ने संपूर्ण सृष्टि का सृजन किया, लेकिन उनके अनुकूल सृष्टि नहीं रही तब उनका शरीर दो भागों में फटा और मनु और शतरूपा के रूप में उपस्थित हो गया। मनु और शतरूपा से ही मानवीय सृष्टि का विस्...