नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- वीरेंद्र कुमार पैन्यूली,पर्यावरणविद् राजधानी दिल्ली के प्रदूषण का मुद्दा एक बार फिर राष्ट्रीय बहस के केंद्र में आ गया है। पिछले करीब एक महीने से यहां की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही और अब तो नागरिक भी इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने लगे हैं। आलम यह है कि राज्य सरकार को दिल्ली में 'ग्रैप-3' की पाबंदियां लागू करनी पड़ी हैं। निर्माण कार्यों, डीजल वाहनों और खनन कार्यों पर रोक लगा दी गई है। पांचवीं तक के बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लेने और लोगों से निजी गाड़ियों के कम इस्तेमाल की अपील की गई है। दिल्ली के प्रदूषण का असर देश भर की मन:स्थिति पर पड़ता है कि आखिर राजधानी ही जब इस समस्या का निदान नहीं कर पा रही, तो फिर छोटे शहरों के वैश्विक प्रदूषण का क्या होगा? वायु प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है और यह मानव स्वास्थ्य क...