मुजफ्फरपुर, मार्च 25 -- मुजफ्फरपुर। पर्यावरण की अनदेखी कर आर्थिक समृद्धि की कामना अपने साथ खतरनाक दुष्प्रभाव भी लाती है। पांच दशक पहले शहर से सटे नारायणपुर अनंत में स्थापित मालगोदाम इसका उदाहरण है। रैक प्वाइंट से गिट्टी, सीमेंट, कोयला आदि की लोडिंग-अनलोडिंग के कारण आसपास के गांवों में तेजी से रोजगार के अवसर तो बढ़े, मगर इसके कारण धीरे-धीरे हवा में घुलते जहर ने 20 गांवों की 25 हजार से अधिक आबादी में कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी का खतरा बढ़ा दिया है। कमोबेश औसत लोग खांसी, दमा व सांस की बीमारियों की चपेट में हैं। रेलवे, रैकर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व ग्रामीणों के बीच हुए समझौते में न्यूनतम प्रदूषण की शर्तों पर माल ढुलाई का मसौदा अमल में आया ही नहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अविलंब निरोधात्मक उपाय नहीं हुए तो लोगों की जान पर बन आएगी। रेलवे ...
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