बागपत, अक्टूबर 24 -- दीवाली के बाद से हवा बेहद खराब बनी हुई हैं। सूक्ष्म कणों की तादाद बढ़ी हुई है, साथ में खतरनाक कैमिकल भी हवा में घुल गए हैं। नतीजा यह कि लोग घरों-दफ्तरों से बाहर निकलते ही खांस रहे हैं। गैसों की अधिकतम मौजूदगी कहीं खराब, तो कहीं बहुत खराब है। हर इलाके का यही हाल है। दीवाली पर भारी आतिशबाजी के बाद बिगड़ी हवाएं अभी सुधर नहीं पाई हैं। मुख्य त्योहार के बाद भी पटाखे चल रहे हैं। वाहनों की अधिक आवाजाही से कार्बन मोनो आक्साइड की मौजूदगी भी बढ़ी है। यह सभी मिलाकर फेफड़ों पर बुरा असर डाल रहे हैं। सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच रहे सूक्ष्म, धूल और रसायनिक कण गला और श्वसन तंत्र को खराब कर रहे हैं। इसका परिणाम यह कि लोग खुली हवा में सांस नहीं ले पा रहे। सांस लेते ही तेज खांसी शुरू हो जाती है। हवा में अधिक कार्बन से आंखों में जलन हो रही ह...
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